खरे सौदे बाज नहीं हो!!!! कच्चा सौदा कर आते हो
कहते हो जिसे जिगर का टुकड़ा!!!! सोने के चंद टुकड़ो के लिए उसे बेच आते हो
सपनो सजाए आँखों में वो बेटी घर आती है
पहचान बदलती है वो तुमको जब वो अपनाती है
फिर क्यों वो आंखे आंसू से भर जाती
फिर क्यों वो यज्ञ की वेदी उसकी चिता स्वरुप हो जाती है
जिसे पैदा किया तुमने उसकी कीमत कैसे तय कर आते हो?
खरे सौदे बाज नहीं हो!!!! कच्चा सौदा कर आते हो
याचक हो तुम!!! कन्या का दान लेने जाते है
हैसियत नहीं कुछ बोल सको तुम!!! और दाता को आंखे दिखाते हो
ऊपर वाला बेटी की इनायत हर किसी को नहीं नवाज़ता है
जिस पर हो मेहर खुदा की !! वो ही एक बेटी का बाप कहलाता है
जिसने अपनी ज़िन्दगी तुम्हे दे दी, उससे और क्या पाने की आस लगाते हो
खरे सौदे बाज नहीं हो!!!! कच्चा सौदा कर आते हो
बस बहुत हुआ!!!!! अब ये रिवाज़ बदलना होगा
न जलेगा कोई दहेज़ की आग में!!! न की किसी की ज़िन्दगी का सौदा होगा
जिस समाज में बेटियों की खुशियां में तोली जाएगी
नाम मिटेगा तुम्हारा!!!! उसके आंसूं की एक एक बून्द इस धरती पे प्रलय लाएगी
दहेज़ से कुछ न सही!!!! नरक में अपनी जगह पक्की कर आते हो
खरे सौदे बाज नहीं हो!!!! कच्चा सौदा कर आते हो
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(भारत में भारतीय राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार दुनिया में दहेज संबंधी मौतों की संख्या सबसे अधिक है। 2012 में, पूरे भारत में 8,233 दहेज हत्या के मामले सामने आए। इसका मतलब है कि हर 90 मिनट में एक दुल्हन को जलाया जाता था, या दहेज के मुद्दे के कारण भारत में प्रति 100,000 महिलाओं पर प्रति वर्ष 1.4 मौतें होती थीं।)
शुरआत आप से होती है, दहेज़ के लोभियो का सामाजिक बहिष्कार करे