"यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करें कि उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी है।"- सरदार वल्लभ भाई पटेल
गणतंत्र दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। 26 जनवरी1950 को भारत देश का गणराज्य घोषित हुआ और आज ही के दिन देश में संविधान भी लागू हुआ था, तब से प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक भारतीय के लिए यह दिन गौरव और सम्मान का दिन है। संपूर्ण देश में गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। देश के प्रति प्रेम, सेवा, समर्पण का भाव प्रत्येक नागरिक के हृदय में हमेशा रहना चाहिए, ना कि सिर्फ एक दिन। अक्सर हम यह सोचते हैं कि देश की रक्षा करना सेना और पुलिस विभाग का काम है जबकि ऐसा नहीं है हम चाहें किसी भी व्यवसाय में हो, किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो, किसी भी समुदाय के हो, अपने-अपने स्तर पर पूरी ईमानदारी से अपना कार्य कर के भी देश की सेवा कर सकते हैं। डाक्टर,शिक्षक, किसान आदि हर एक व्यक्ति का देश की सुरक्षा और विकास में योगदान होता है। प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए ईमानदारी से अपना कर्त्तव्य निर्वाह करता है तो वह देश की सेवा ही है।
"आजादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।"- लाल बहादुर शास्त्री
यह आवश्यक नहीं कि हम सरहद पर जाकर दुश्मन से मुकाबला करके ही देशभक्त बनें। भ्रष्टाचार को रोकना, हिसंक प्रवृत्तियों को रोकना उनमें शामिल नहीं होना, उन्हें बढ़ावा नहीं देना, महिलाओं की रक्षा एवं सम्मान करना, उन्हें आगे बढ़ने के अवसर देना, निराश्रितों और जरूरतमंदों की मदद करना, अपने देश को साफ सुथरा रखना आदि के द्वारा भी हम देश की रक्षा एवं सेवा कर सकते हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। देश में जब शांति रहेगी, नागरिक सुरक्षित रहेंगे हर एक व्यक्ति अपनी अपनी जिम्मेदारियों का पालन करेगा तभी देश विकास की ओर अग्रसर होगा। प्रगति करेगा। देश के विकास में योगदान देना और देश को सशक्त बनाना भी देश भक्ति है। इसलिए देश के सभी नागरिकों को देश की रक्षा, स्वाभिमान एवं विकास के लिए कार्य करना चाहिए।
कई बार व्यक्ति सोचता है कि वह अपना काम ईमानदारी से कर रहा है। उसने कुछ भी गलत नहीं किया। वह अपने स्थान पर सही है, लेकिन केवल उसका सही होना ही काफी नहीं है। इस धारणा को बदलना होगा। यदि व्यक्ति के सामने भीे कुछ गलत हो रहा है ,अन्याय हो रहा है तो उसे उसका विरोध करना चाहिए। उसे रोकने का प्रयास करें। हम तभी सुरक्षित हो सकते हैं, विकास कर सकते हैं, जब हमारे साथ साथ हमारे आसपास के लोग, शहर, राज्य भी सुरक्षित होंगे। कई बार देखा गया है, समाज में कहीं किसी के साथ कोई अन्याय, अत्याचार, दुष्कर्म हो रहा होता है और लोग खड़े होकर उनका वीडियो बना रहे होते हैं या मूक दर्शक बने होते हैं। जबकि वीडियो बनाने के स्थान पर उन्हें ऐसी गतिविधियों को रोकने का प्रयास करना चाहिए।
केवल एक अच्छा व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक अच्छा नागरिक भी बनना होगा। अरस्तू ने कहा है, "अच्छा आदमी और अच्छा नागरिक होना हमेशा एक जैसा नहीं होता।" इस लिए हमें एक अच्छा नागरिक बनना होगा। देश में रहने वाले हर एक व्यक्ति के जीवन, समानता, स्वतंत्रता एवं अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए । यह कर्तव्य हम सबका है। हमें यह प्रण लेना होगा कि कभी भी हमारे सामने कुछ अनुचित, गलत या अन्याय होता है तो हम सब मिलकर उसे रोकेंगे, ना कि मूक दर्शक की भांति देखते रहे। अपने आस पास होने वाले अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। इसके साथ साथ देश के युवाओं को गुमराह होने से भी बचाना होगा। उन्हें सही मार्गदर्शन देना होगा।
अत: हर एक व्यक्ति को देश की सेवा, सुरक्षा,हित तथा विकास में अपनी भागीदारी देनी होगी। हमें एक अच्छे नागरिक की भूमिका निभानी होगी। भ्रष्टाचार, अशिक्षा, हिंसा, महिलाओं के प्रति होने वाले दुष्कर्मों, अन्याय तथा अपराध आदि को हमें मिल कर समाज से निकालना होगा, समाप्त करना होगा। और देश भक्ति तथा देशहित की भावना को केवल एक दिन नहीं बल्कि हर दिन निभाना होगा। अपनी दैनिक जीवन शैली में इसे शामिल करना होगा।
"सच्ची देशभक्ति कहीं और से अधिक अपने ही देश में हो रहे अन्याय से घृणा करती है।" -क्लेरेंस डैरो