बस अगले मोड़ पर
सुकून होगा
चल थोड़ा सा और
चलते हैं।
चल के अगले मोड़ पे
राह खड़ी है
सुकून का पल लिए
चल के बस
जरा सा
और थोड़ा सा
उस मोड़ पर
बदल जाएगी
सुधर जाएगी
जिंदगी!
चल कि यही तो
तेरे बस में है
तू अब तक भी तो
चली न ,
तो चल
बस थोड़ा थोड़ा सा और
चल!
उम्मीद का वो
पेड़ जो सामने
दिखता है न,
उसी के आगे
हैं तेरे रूह की सुकून ,
धूप पूरा दिन थोड़े ही रहेगी
शाम का चांद भी
नजर आएगा जरूर !
चल के थोड़ा और
चल बस
कुछ कदम
तू और चल।।