निःशब्द
शब्द जहाँ चूक जाता है
अपनी अभिव्यक्ति देने से
निशब्द साथ दे जाता है
बिन कुछ कहे सुने ही
देखो
कितना कुछ कह-सुन जाता है
दिशा, राह , हवाएँ
सब जब चुप हो जाते है
आकाश सा निशब्द
जीवन में बहुत कुछ कह जाता है
मन के कौने में
बैठ निशब्द
ना जाने कितने राग सुनाता है
#सुषमा पांडे
भाव वो भी है जो कहे ही नहीं गए