प्रभु से ऊंचा है पद जिसका सितारा वह चमकीला है।
शिक्षक है वह, जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
इस जग में उसके जैसा कोई और ना हमको मिला है।
ज्ञान का प्रकाश फैलाती उसकी पावन पाठशाला है।
प्यार, दुलार, डांट- फटकार उसकी लगे रत्नमाला है।
ना मानता वह हार, सिखाता बारंबार ऐसा हठीला है।
शिक्षक है वह जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
उसकी शाबाशी मन को लुभाती जैसे कंठमाला है।
हर ले मन की निराशा, सबक उसका कर्मशाला है।
सीख उसकी खोलती हर एक कठिनाई का ताला है।
जब भी गिरे है मैदान में हम, उसने ही तो संभाला है।
शिक्षक है वह जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
हम में मिलकर हम जैसा ही हो जाए ऐसा रंगीला है।
पथ - पथ पर दिखाता है राह, ऐसा वह अलबेला है।
मां की ममता, पिता की छाया जैसा वह मतवाला है।
भविष्य संवारता हमारा , पर खुद पहने मृगछाला है।
शिक्षक है वह जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
भरा है ज्ञान पर अभिमान न ज़रा मन में उसने पाला है।
बांट कर अमृत इस जग में, वह खुद विष पीने वाला है।
कर्म पथ पर चलता निरंतर चाहे पांव में पड़े छाला है।
जगाता वह आत्मविश्वास , जलाता ज्ञान की ज्वाला है।
शिक्षक है वह जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
किताबी ज्ञान ही नहीं, जीने की राह दिखाता वह निराला है।
पथ पर डटे रहो, ना हारो, सिखाती उसकी राग माला है।
त्याग, करुणा और समर्पण से भरा वह प्रेम का प्याला है।
स्वर्ण मार्ग दिखलाती अद्भुत उसकी न्यारी ये रंगशाला है
शिक्षक है वह जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
चरित्र उसका है पावन, संस्कृति का वह रखवाला है।
राष्ट्र का निर्माता, पिरोता एकता की अनुपम माला है।
भटके राही को मंजिल तक पहुंचाता ऐसा बलवाला है।
गुरु स्वरूप जिसे मिला ऐसा शिक्षक वह भाग्यवाला है।
शिक्षक है वह जिसने जीवन में फैलाया उजाला है।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।